Thursday, September 8, 2011

फिर आमीन.!















11 comments:

shahroz said...

बधाई हो भाई!

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

ऐसे कई और संस्करण निकलें... आमीन:)

सुभाष नीरव said...

आमीन के दूसरे संस्करण के प्रकाशित होने की भी आपको बधाई !

Vivek Shukla said...

Ek aur khabar, Jladi hi agla badlav kuch yun karen:- राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित अपने पहले ग़ज़ल संग्रह 'आमीन' ke doosre sanskaran की लोकप्रियता ने अर्से तक सुरूर में रखा और अब उसके teesre संस्करण की ख़ुमारी में हूं...

Udan Tashtari said...

बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

Rahul Ranjan said...

फिर आमीन, आलोक भाईसाब - आपको बहुत बहुत बधाईया... आमीन

mridula pradhan said...

"फिर आमीन.!"
jankar bahut khushi hui......

Pushpendra Singh "Pushp" said...

प्रिय अलोक जी
मैनपुरी के मुशायरे में आपसे मुलाकात हुई थी
आप जितने अछे शायर है उतने ही अछे इन्सान भी
आज आप का ब्लॉग पढ़ कर मज़ा दोगुना होगया
आमीन के प्रकाशन पर आपको
बधाइयाँ.....................

अनिल जनविजय said...

हमारी दुआओं में कुछ तो असर होगा
जग जीतने वाले का अभी लम्बे समय तक
इस जग में बसर होगा...

डॉ. सुदीप शुक्ल said...

भाई,
सब दीवाने बेसब्र थे कि
भोर के साथ
उजीयारे की ये खबर अब मिले के अब मिले.
शुक्रिया

डॉ. सुदीप शुक्ल said...

भाई,
सब दीवाने बेसब्र थे कि
भोर के साथ
उजीयारे की ये खबर अब मिले के अब मिले.
शुक्रिया