जनसत्ता एक्सप्रेस.नेट से साभार
मॉस्को। ''तुम्हारे पास आता हूं, तो सांसें भीग जाती हैं / मुहब्बत इतनी मिलती है, कि आंखें भीग जाती हैं.” हिन्दी के जाने-माने कवि आलोक श्रीवास्तव ने अपनी यह पंक्तियां जब हिंदुस्तानियों की ओर से भारतीय साहित्य और संस्कृति के चहेते रूसियों को नज़्र कीं तो मॉस्को में आयोजित पूश्किन सम्मान समारोह में मौजूद लोगों की आंखें सचमुच भीग गईं. कार्यक्रम समाप्त हुआ तो इन पंक्तियों के साथ कई लोग देर तक भारत-रूस के पुराने-रिश्ते को याद करते रहे.
आलोक श्रीवास्तव यहां रूस का प्रतिष्ठित ‘अंतरराष्ट्रीय पूश्किन सम्मान’ लेने आए हुए थे. आलोक को यह सम्मान उनके चर्चित ग़ज़ल संग्रह ’आमीन’ के लिए प्रसिद्ध रूसी कवि अलेक्सान्दर सेंकेविच ने दिया. रूस का ‘भारत मित्र समाज’ पिछले बारह वर्षों से प्रतिवर्ष हिन्दी के एक प्रसिद्ध कवि या लेखक को मास्को में हिन्दी-साहित्य का यह महत्वपूर्ण सम्मान देता है. इस बार यह सम्मान भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिया गया.
रूस में बसे भारतीयों के साथ हिंदी-रूसी भाषा के साहित्यकारों और विद्वानों की मौजूदगी में आलोक को सम्मान स्वरूप प्रख्यात रूसी कवि अलेक्सान्दर पूश्किन की पारम्परिक प्रतिमा, सम्मान-पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. सम्मान के अन्तर्गत आलोक दस दिन तक रूस के विभिन्न शहरों की साहित्यिक-यात्रा करेंगे और यहां प्रसिद्ध रूसी-कवियों, लेखकों और बुद्धिजीवियों से मिलेंगे. इस अवसर पर ’भारत मित्र समाज’ आलोक श्रीवास्तव की प्रतिनिधि रचनाओं का रूसी भाषा में अनुवाद भी प्रकाशित करेगा. ‘भारत मित्र समाज’ के महासचिव अनिल जनविजय ने मॉस्को से जारी विज्ञप्ति में यह सूचना दी है.
पेशे से टीवी पत्रकार आलोक लगभग दो दशक से साहित्यिक-लेखन में सक्रिए हैं. उनकी रचनाएं हिन्दी-साहित्य की सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. वर्ष 2007 में प्रकाशित उनके पहले ग़ज़ल-संग्रह ‘आमीन’ से उन्हें विशेष पहचान मिली. इसी पुस्तक के लिए आलोक को मप्र साहित्य अकादमी का ‘दुष्यंत कुमार पुरस्कार’, ‘हेमंत स्मृति कविता सम्मान’ और ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ जैसे कई प्रतिष्ठित साहित्यिक-सम्मान मिल चुके हैं मगर वे हिंदी के पहले ऐसे युवा ग़ज़लकार हैं जिन्हें रूस का यह महत्वपूर्ण सम्मान दिया गया है. हिन्दी-रूसी साहित्य के मूर्धन्य कवि-लेखकों व अध्येता-विद्वानों की पांच सदस्यीय निर्णायक-समिति ने जनवरी 2011 में आलोक श्रीवास्तव को इस सम्मान के लिए चुना था.
Monday, August 29, 2011
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18 comments:
एक बार पुनः बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत बहुत बधाई। आप इसी तरह पूरी दुनिया में अपने रचनात्मक कौशल का लोहा मनवाएं। वैसे, एक दिन पहले इंडियाज गॉट टेलेंट में एक कव्वाल साहब आपका शेर पढ़ रहे थे, तो यह देखकर सुखद लगा। फिर बधाई....
तहेदिल से बधाई आलोक भाई.
आप जिस शिद्दत से अपने काम में लगे हैं वह
ग़ज़ल को नई परवाज़ देगा.....आमीन.
बधाई हो आलोक जी। हम भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आप की कलम इसी तरह निरंतर चलती रहे॥
Alok ji
Aapko is paye gaye Sanmaan ke liye bahut bahut badhayi v shubhkamnayein....Aap hamare desh ke sahitya ke aasmaan ke damakte sitare hain..Ameen
Madhya Pradesh Foundation is Proud of the genius young Poet from Madhya Pradesh Alok Srivastav !!! Dr Harish Bhalla
Hardik harsh apko shubh
har naya varsh apko shubh ho
aap jo bhumika likhain is baar
uska nishkarsh aap ko shubh ho
shubhkamnaaon sahit
apka akshat
Great.Am really happy for you .Congratulations once again
Apoorva Joshi
बहुत-बहुत बधाई व अनंत शुभकामनाएं। इश्वर आपको नित नव उंचाईयां दे।
Congratulations !
हर्ष है गहन, आप यश से यशश्वी होते रहें,
दर्श है लेखन, आप कीर्ति के बीज बोते रहे!!
ह्रदय पूर्ण शुभकामनायें और प्रशंसायें
बहुत बहुत बधाई ...
प्रणाम भाई साहब !
एक बार पुनः आपको दिल की गहराइयों से करोड़ों-करोड़ों बधाइयाँ और शुभकामनाएँ.. प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि वो आपको भविष्य में आपके कार्यक्षेत्र के हर आयाम में आपको असीम ऊंचाइयों तक ले जाएँ और हम ऐसे ही आपके साथ ऐसी असंख्य खुशियों में शामिल होते रहें. आपके साथ-साथ ये सम्मान हम सबके लिए गौरव की बात है..नमन ! नमन ! नमन !!
बहुत बहुत मुबारक हो भैया!
मेरा हमेशा से मानना रहा है कि जब हम
किसी को सम्मान या पुरुस्कार देते हैं तो
हम उस व्यक्ति को नही बल्कि सम्मान को सम्मानित करते हैं
आपके पास आकर इस सम्मान की अहमियत कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गयी है.
.....
आपका अनुज
शम्भू शिखर
बधाई हो भाई जान।
आपको इस सम्मान के लिए हार्दिक बधाई. आपने तो लिखने में कमाल किया और पुरस्कार देने वालों ने आपको पुरस्कृत काके कमाल किया. पर आपने हमसे नाता क्यों तोड़ लिया जान सकती हूँ ?
भाई आलोक जी
आपको इस सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई ! आप इसी प्रकार शिखरों को छूते रहें, यही कामना है…
बहुत बहुत बधाई आलोक जी....!!
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