तकलीफ़ क्या बांटनी? दुख को क्या सांझा करूं? जगजीत सिंह जी पिछले चार रोज़ से आईसीयू में हैं। एक महफ़िल में गाते हुए ब्रेन हैमरेज हुआ और फिर मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में ऑपरेशन। परसों मुंबई से ही मित्र रीतेश ने मैसेज किया, फ़िक्र जताई - आलोक भाई, जगजीत जी ठीक तो हो जाएंगे न? उनकी आवाज़ में सजा आपका एक शेर कल से ज़हन में मायूस घूम रहा है -
चांदनी आज किस लिए नम है,
चांद की आंख में चुभा क्या है।
हां दोस्त, चांद की आंख में कुछ चुभ गया है मगर सुबह-सुबह एक ख़ुशी ने भी दस्तक दी है। जगजीत जी के अनुज करतार भाई ने फ़ोन पर ख़ुशख़बरी सुनायी कि - अब भाई की तबीयत पहले से बहुत बेहतर है। तो सोचा इस ख़ुशबू को दूर-दूर तक फैला दूं।
अपनी मख़मली आवाज़ से एक पूरा युग सजाने वाले जगजीत सिंह के लाखों-करोड़ों चाहने वाले ये जान कर जश्न मना लें कि अब अपने जगजीत भाई बहुत हद तक ठीक हो चुके हैं। आज सुबह जब करतार भाई का फ़ोन आया तो सूरज को काम संभाले कोई तीन-चार घंटे हो चुके थे। मगर उजाला, करतार भाई की आवाज़ के बाद हुआ। 'जग जीत' ने वाले यूं हारा नहीं करते। अब तो बस ये दुआ कीजिए कि वो जल्द ही आईसीयू और लीलावती हॉस्पिटल से भी बाहर आ जाएं ताकि फिर एक बार फ़िज़ा उनकी आवाज़ से महक सके। आमीन।
तकलीफ़ क्या बांटना? दुख को क्या सांझा करना? हां, आज सुबह जब एक ख़ुशी ने दस्तक दी तो सोचा इस ख़ुशबू को दूर-दूर तक फैला दूं। इस गठरी से मुट्ठी-भर ख़ुशबू लेकर आप भी फ़िज़ा में उछाल दीजिए। माहौल ख़ुशनुमा हो जाएगा।
Monday, September 26, 2011
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18 comments:
हमारी दुआओं में कुछ तो असर होगा
जग जीतने वाले का अभी लम्बे समय तक
इस जग में बसर होगा...
४ दिन लंबे हो जाते हैं..तो लगता है फासला बढ़ गया. पर जैसा की आलोक भाईसाहब ने उल्लेख किया, मेरे ज़हन में उनका शेर जगजीत साहब की आवाज़ में लरज सा गया. साथ ही इन्तेहा ये कि गज़ल के सारे अशआर जेरे लब कर लिए. दुआ बकौल आलोक और बआवाज़ जगजीत बस यही.."मंजिले क्या हैं रास्ता क्या है, हौसला हो तो फासला क्या है"
samachar jankar bahut rahat mili.
जी, आपने सही कहा- जग जीतने वाले यूं हारा नहीं करते। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह जल्द अस्पताल से स्वस्थ होकर लौटें और अपनी आवाज़ का जादू फिर से अपने लाखों-करोड़ों चाहने वालों में फैलाएं…
मेरी जिन्दगी के गमो को साझा करने वाली आवाज इतनी जल्दी खामोश हो नहीं सकती. उनकी आवाज से मै हू तो मेरी दुआओ से वे अभी तो विदा नहीं होंगे. आलोक जी अच्छी खबर के लिए धन्यवाद.
चक्रेश
भाई आलोक आपने बजा कहा,जग जीत ने वाले यूँ हारा नहीं करते.और खुदा रहीम भी तो है.और जग के चाहने वाले सिर्फ शहरोज़ या आलोक नहीं पूरा जग है.वह जल्द ठीक होंगे.
बहुत ही सुखद समाचार भाई आलोक जी जगजीत सिंह जी दीर्घायु हों |हम इस रेशमी ,मखमली आवाज़ को सदा यूँ ही सुनते रहें उनके अलबम सहेजते रहें
बहुत ही सुखद समाचार भाई आलोक जी जगजीत सिंह जी दीर्घायु हों |हम इस रेशमी ,मखमली आवाज़ को सदा यूँ ही सुनते रहें उनके अलबम सहेजते रहें
सर जल्दी ही जगजीत जी ठीक हो जाएंगे.. दवाओं के साथ-साथ दुआओं की भी उनको ज़रूरत है.. और हमारे जैसे करोड़ों लोगों की दुआएं उन्हें इस मुश्किल घड़ी से निकालने में ज़रूर कामयाब होगी.. आमीन...
hum sab ki duayein unke saath hain... ve jald hi theek ho jayeingae, aisi hamari kaamna hai...
http://anitaagarwal.blogspot.com
aapne khabar de kar bahut hi achchha kiya dukhi man ko rahat mili
rachana
ईश्वर उन्हें जल्द ही सहत्याब बनाएं, यही दुआ है॥
आलोक जी,
जिस सुखद समाचार का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, वो आखिर ३ दिन के बाद आपसे मिला
जगजीत जी के प्रशंसकों को ढेर सारी बधाई और फिर से और ढेर सारी बधाई
सुखद समाचार.........
बस वो जल्दी ठीक हो जाएँ..
i m praying for him day n night ,he has a very special place in my life,i hv learnt ghajal singing from him.i start my every morning with his soulful voice.oh God plz bless him a very healthy n long life..
जगजीत जी के बेहतर होने की सूचना सुकून देने वाली है। ईश्वर उन्हें दीर्घायु रखें।
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